दृष्टि

आज हमने बहुत विकास किया है किंतु साथ में अनेक समस्याओं को भी हम सामना कर रहे हैं हम यह इसलिए है कि हम विकास को संतुलित रूप से नहीं कर रहे हैं विकास करते समय पर्यावरण की इकाइयों के मध्य संतुलन का कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं इस कारण से हम सुविधाओं के साथ समस्याओं को भी अपनाते जा रहे हैं आज हमारे लिए आवश्यक है एक संतुलित विकास का जहां हम अपनी आवश्यक सभी सुविधाओं से युक्त हो किंतु प्रकृति के साथ पूरी तरह से तालमेल के साथ जीवन बिताने इस प्रकार की जीवन शैली व जीवन की व्यवस्था आज अत्यंत आवश्यक ही नहीं अपितु अनिवार्य है

इस प्रकार की जीवन शैली व विकास वैदिक सिद्धांतों के आधार पर हम स्थापित कर सकते हैं इसी दिशा में एक प्रयास है वैदिक ग्राम परियोजना यह परियोजना अभी सतत विकास की ओर अग्रसर हो रहा है इस परियोजना के अंदर प्राकृतिक कृषि गोपालन कुटीर उद्योग गुरुकुल वानप्रस्थ आश्रम आयुर्वेद आदि अनेक विभाग होंगे जो सब मिलकर 1 ग्राम बन जाएंगे जहां व्यक्ति वैदिक जीवन शैली को अपनाकर अपने जीवन को सुखमय एवं उन्नति की ओर ले जा सके।