अभी तक

  • वैदिक ग्राम परियोजना सन 2018 में विचार के रूप में एक मूर्त रूप ले लिया था। एक प्रस्ताव रखा गया था कि वैदिक ग्राम की स्थापना के इच्छुक सज्जन जमीन के लिए कुछ निवेश करें। उस निवेश को उनके नाम से वैदिक कृषि अनुसंधान परिषद एलएलपी में निवेश के रूप में जमा किया गया और वे सब भागीदार बन गए हैं। गौशाला व गुरुकुल आदि धर्मार्थ गतिविधियों के संचालन हेतु एक न्यास का गठन किया गया और उस न्यास में भागीदार व अन्य अनेक सज्जनों ने उदारता से दान दिया। इस प्रकार प्राप्त धनराशि से अभी तक कुल 63 एकड़ जमीन खरीदा गया है। लगभग 50 एकड़ जमीन के chain link fencing कराया गया। काफी जमीन समतल भी किया गया है और मिनी स्प्रिंकलर तथा ड्रिप की व्यवस्था लगभग 28 एकड़ जमीन पर की गई है।

एक गौशाला का संचालन किया जा रहा है जिसमें करीब 50 छोटे बड़े स्थानीय देशी गोवंश विद्यमान है।

चवनप्राश आमला चटनी आदि वस्तु बनाए जाते हैं और उनका विक्रय किया जाता है।

कौटिल्य अर्थशास्त्र अन्य वैदिक साहित्य के परिचयात्मक रूप से कक्षाएं व उपदेश का संचालन किया जाता रहा है।