संस्कार शाला

यह विभाग आधुनिक शिक्षा पद्धति पर आधारित होगा। विद्यार्थियों को आधुनिक सरकारी मान्यता वाले पाठ्यक्रम के साथ-साथ वेद, दर्शन, उपनिषद् व अन्य संस्कृत साहित्य का कुछ अंश पढ़ाया जायेगा । जिससे विद्यार्थी आध्यात्मिक उन्नति के भी मार्ग को समझ सकें सदाचारी बनें व अपने देश की बौद्धिक धरोहर से भली-भाँति परिचित हों और अपनी जड़ों से गहराई से जुड़ें। अपने अध्ययन के विषयों के बेसिक कॉन्सेप्ट्स को अच्छी तरह से समझाते हुए उन विषयों का एक मजबूत आधार विद्यार्थी के अंदर बनाएंगे जिससे उनके आगे अध्ययन व विभिन्न प्रकार के कॉम्पिटेटिव एग्जाम्स के अंदर अच्छा प्रदर्शन कर सकें।

  1. सभी विद्यार्थियों के लिये संस्कृत व अंग्रेजी संभाषण का प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से दिया जावेगा व इसका अभ्यास भी कराया जावेगा। हर विद्यार्थी हिंदी, संस्कृत व अंग्रेजी में धारावाहिक बोल सकें समस्त व्यवहार कर सकें यह सुनिश्चित किया जावेगा।
  2. विद्यार्थियों को भाषण वाद-विवादादि का प्रशिक्षण भी दिया जावेगा। संगीत, नृत्य, नाटक, पाक, कुम्हारी, लोहारी, सुलेखन, कृषि, गोपालन आदि विभिन्न शिल्पों व दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुओं के निर्माण का प्रशिक्षण दिया जावेगा। यह निश्चित किया जायेगा कि विद्यार्थी कम से कम 4-5 शिल्पों में निष्णात हो।
  3. विभिन्न ecosystems के विषय में, उनके परस्पर समन्वय, व मनुष्य के लिये उनके महत्व और उनको बिगाड़ने पर होने वाले दुष्परिणाम आदि का भी ज्ञान कराया जावेगा।
  4. वैदिक व पारंपरिक विज्ञान के विषयों पर शोध का कार्य भी किया जाएगा और उससे समाज को लाभान्वित किया जाएगा।