गौशाला

यह गौशाला मुख्य रूप से वैदिक ग्राम वासियों के लिए दूध, घी इत्यादि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो एतदर्थ बनाया गया है। वर्तमान में इस गौशाला में लगभग 45 देसी स्थानीय केनकथा नस्ल का गोवंश विद्यमान है जिसमें दुधारू गाय बछड़े बच्चियां बैल एवं सांड सम्मिलित है। गोबर गोमूत्र कृषि विभाग को दिया जाता है और बदले में वहा से हरा चारा गौशाला को प्राप्त होता है। बैलों का भी कृषि कार्य में प्रयोग होता है। सभी गाय प्रतिदिन कम से कम 6 घंटे चरती रहती हैं और आवश्यकता के अनुसार गेहूं चना मसूर आदि की बुसा तथा गेहूं के छोकर सरसों का खल आदि खिलाया जाता है
गोवंश के दूध से घी बनाया जाता है जिसको विक्रय भी किया जाता है।